गीत संरचना by Indra Jain, Delhi

गुरुओं की प्रेरणा से ,बन जाते सारे काम हैं
by Indra Jain, Delhi

गुरुओं की प्रेरणा से ,बन जाते सारे काम हैं __2 

गुरु हमारे तीरथ_2,

ये ही तो सारे धाम हैं __2 

प्रामाणिक पाठशाला_2,

गुरु का ही वरदान हैं__2 

बच्चों को करवाते_2,

स्वयं की पहचान है __2 

गुरु हमारे तीरथ,ये ही तो सारे धाम हैं।।। 

शिक्षक और गुरु दोनों ज्ञान का भंडार हैं __2 

छोटी छोटी कथा सुनाकर_2,

भर देते संस्कार हैं __2 

खेल खेल में समझा देते_2,

जैन धरम का सार ये__2 

अज्ञान तिमिर हर लेते_2,

खुल जाते ह्रदय द्वार हैं__2 

गुरु हमारे तीरथ,ये ही तो सारे धाम हैं।।। 

पाठशाला की शिक्षा ही,जीवन का आधार है__2 

कला और कौशल का_2 

करते,बच्चों में संचार हैं __2 

शब्दों और रंगों से _2,

कर देते चमत्कार हैं __2 

अपनी प्रतिभा को दर्शाते_2, 

नन्हें कलाकार हैं__2 

गुरु हमारे तीरथ, ये ही तो सारे धाम हैं।।। 

जिनवाणी के ज्ञान से,हो जाते भाव से पार हैं__2 

दूर सभी हो जाते _2 

इससे,मन के विकार हैं__2 

पाठशाला से जुडकर_2 

बच्चे, धर्म ध्वजा फहराएंगे__2 

आने वाले कल के_2, 

ये ही तो कर्णधार हैं __2 

गुरु हमारे तीरथ, ये ही तो सारे धाम हैं ।।।।

Composition by Indra Jain, Delhi

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